Sunday 7 May 2017

Kabhi Hum...

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कभी हम ...

कभी हम एक थे 
चाहे गरीब थे 
मगर करीब थे 

मैं मन्दिर जाता था 
तुम मस्जिद जाते थे 
मैं गीता पढता था 
तुम क़ुरान पढ़ते थे 

कभी लड़ते और झगड़ते थे 
मगर फिर भी साथ रहते थे 
मिलकर रोते और हॅसते थे 

अब हम तुम अलग हो गये 
वो बाँटकर हमे चले गये 
हम एक से दो 
दो से तीन हो गये 
फासले कितने गहरे हो गये 

जब भाई भाई के लहू का 
प्यासा हो गया 
जन्नत का रंग लाल हो गया 
आतंकवाद से तबाह हो गया 
जगत के लिए तो एक नया 
तमाशा हो गया 

जवान इधर भी मर रहे हैं 
जवान उधर भी मर रहे हैं 
नफरत की आग में क्यों 
हम दोनों जल रहे हैं 

क्या यही हमारे नसीब थे ???

कभी हम एक थे 
चाहे गरीब थे 
मगर करीब थे 



Ashwin Joglekar 



















Friday 21 April 2017

Aaj Phir Se...


आज फिर से 


आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ 

लम्बी हैं बहोत रात 
कुछ पल हमे दे जाओ 

आज फिर से मुझे 
अपने सीने से लगाओ 

मेरी साँसों में अपनी 
कुछ महक छोड़ जाओ 

आज फिर से कोई 
नगमा गुन गुनाओ 

मेरे लफ्ज़ो को अपने 
होठों पे सजाओ 

आज फिर से मेरे 
दिल में समा जाओ 

क्या पता कल तुम 
लौट कर ना आओ 

आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ 



Thursday 9 March 2017

Aaj Woh Aaye


#2604 

आज वो आये मिलने हमसे एक पल के लिए 
आए थे मिलने हमसे या अपना भूला सामान लेने के लिए 

वादा करके गए है आऐंगे फिर मिलने के लिए 
कब कहाँ कैसे ये सब सवाल छोड़ गए हमारे लिए 

ऐ सबमे मशरूफ मेरे हमदम 
कभी मुझको भी कुछ दम 
अपने संग जीने दे 

होश ना हो सूरज चाँद को भी दिन रात का 
ऐसी मुलाक़ात हमे भी तो दे 

कायनात की भी हो जिसपे मोहर 
ऐसी कोई सुबह शाम हमे भी तो दे 

खिला गए फूल फिर नया उस एक पल 
की मुलाक़ात से 
हम तो मुरझा ही चुके थे कबके इन्तज़ार में 

अरसो बाद ही सही ये मुलाक़ात 
ही काफी हैं जीने के लिए 
आज वो आये मिलने हमसे एक पल के लिए 















Thursday 2 March 2017

Yeh Sapne Hain

WCNC
#2604 

ये सपने है इन सपनो में 
हम तुमसे मोहब्बत कर बैठे 
इल्ज़ाम य देना है तो मुझको दो 
उन सपनो को तुम गुमनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

कुछ लम्हे हैं उन लम्हो में 
हम प्यार तुम्ही से कर बैठे 
खता जो ये की मैंने 
उसका ख़ामोशी से 
इन लम्हो को ये इनाम ना दो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

कुछ बातें है उन बातों में 
हम दिल ये तुम्ही को दे बैठे 
बातें ही तो हैं जो यादें हैं 
इनको अब बदनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

इक़रार जन्मों का कर बैठे 
जो सच है तुम वो देखो 
झूठे वादों में पड़ कर 
हमको अब अन्जान ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

Wednesday 22 February 2017

Har Har Mahadev

#2604 

ॐ नमः शिवाय 

जटा पे जिसके चंद्रमा विराजमान है
केश में माँ गंगा का स्थान है 
नाग देवता जिसके गले की शान है
पास में त्रिशूल है हाथ में चिलम है
कैलाश पे बैठा है जो ध्यान में 
नीलकण्ठ महादेव उसका ही तो नाम है

राम का रावण का भी वही तो भगवान है 
धर्म क्या अधर्म क्या हर कर्म का जिसको ज्ञान है 
हर भक्त का किया पूर्ण हर काम है
करे मन से जो तेरी निर्मल साधना 
बिना सोचे समझे दिया तूने उसे वरदान है 
भोलेनाथ भी आपका ही तो नाम हैँ 

सोमनाथ से पशुपतिनाथ तक 
हिमालय से हिंदमहासागर तक 
बसा हर तरफ हर जगह तेरा धाम है 
हर लिंग में तेरी पहचान है 
हर प्राणी में तेरा निशान है 

मैं हूँ जन्म से चित पावन 
जोग लेकर करना तेरा ही गुण गान है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 



Tuesday 14 February 2017

Reh Reh Ke

#2604




रह रह के रुक रुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहली किरण से आखरी किरण तक 
बस तुम्ही मेरे दिल में समाए 

उठ उठ के झुक झुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहले अँधेरे से आखरी अँधेरे तक 
बस तुम्हे ही हम सीने से लगाए 

मर मर के मिट मिट के अक़्सर तुम याद आए 
आखरी अँधेरे के आखरी अन्धेरे से 
पहली किरण की पहली किरण तक 
बस कभी तो हम भी तुम्हें याद आए 

Sunday 12 February 2017

Naa Jaane Kitne

#2604 

ना जाने कितने ज़माने गुज़र गए 
उनकी याद में 
बिखरी हुई दिल की कश्ती को जोड़ा 
एक एक करके हमने उनकी याद से 

अब जाके इतने जमानों बाद वो 
हमसे कहते हैं 
कुछ कुछ तो हमें भी 
कभी कभी होता था आपकी याद में 

नादान दिल तब भी कहता 
पर कहाँ समझता था 
जब तक हम समझे की 
ये दिल हमसे क्या कहता था 

ना जाने कितने ज़माने गुज़र गए 
उनकी याद में 

आज जब जाना तो चले आए कहने 
आपसे अपने इस दिल का हाल 
खुश रहना आप हमारी याद से 
खुश रहेंगें हम आपकी याद से 

ना जाने कितने ज़माने गुज़र गए 
उनकी याद में 

Saturday 11 February 2017

Phir Se Wohi

#2604 

फिर से वोही शाम आई हैं 
तेरी यादों की घटाओ ने 
सीने में आज फिर लौ जलाई हैं 

राह तेरी हम छोड़ चले 
फिर शाम से मुँह मोड़ चले 
तेरी तस्वीर को तोड़ चले 

भूल गए कुदरत का चमत्कार 
की राह तेरी हम छोड़ कर जब मुड़े 
फिर से वोही शाम की चादर ओढ़े 
तेरी यादों में जले 

फिर से वोही शाम आई हैं 
तेरी यादों की घटाओ ने 
सीने में आज फिर लौ जलाई हैं 


Tum Mujhse Kahin

#2604 

तुम मुझसे कहीं नाराज़ तो नहीं 
ऐसी कोई खता 
जिसका हमारे जिहन में 
कुछ हिसाब नहीं 

रूठे हो मुझसे तुम कुछ इस तरह 
जिसके दर्द की कोई आवाज़ नहीं 
सज़ा बताओ काट आएँगे वो भी 
हम तेरी ख़ुशी के लिए 

जिसका डर था अगर वोही हैं 
 आपकी नाराज़गी का बहाना 
कोई और हमसफ़र ढूँढ मेरे दोस्त 
हम कुछ अपनी ही कहानी में 
खोए बैठे हैं 
दिल हमारा भी हल्का हो जाता 
अगर ये जान पाते तुम मुझसे 
कहीं नाराज़ तो नहीं 

एक मुसाफिर को हमसफ़र समझ 
ज़िन्दगी गुज़ार दी 
उसने किसी और हमसफ़र के इन्तेज़ार में 
अपनी ज़िन्दगी गुज़ार दी 

तुम मुझसे कहीं नाराज़ तो नहीं 
ऐसी कोई खता 
जिसका हमारे जिहन में 
कुछ हिसाब नहीं 


Friday 10 February 2017

Log Kehte Hain



#2604

लोग कहते हैं हम कितना हँसते हैं 
कुछ हँसते हँसते रोते हैं 
कुछ रोते रोते हँसते हैं 
हम तो बस यूहिं हँसते हैं 

कौन समझेगा उस ज़हर को ऐ दोस्त 
जिसे हम पीते हैं जब वोही ना समझे 
उनकी एक हँसी के लिए ही तो हम जीते थे 

कौन रोकेगा उस सैलाब को ऐ दोस्त 
जिसमें डुब के भी ना हम तरते हैं 
उनके इंतज़ार में हर पल मरते हैं 

कौन चाहेगा उस टूटे हुए दिल को ऐ दोस्त
जिसके टुकड़े अब भी पड़े मिलते हैं 
उनके प्यार की राहों में 

लोग कहते हैं हम कितना हँसते हैं 
कुछ हँसते हँसते रोते हैं 
कुछ रोते रोते हँसते हैं 
हम तो बस यूहिं हँसते हैं 





Thursday 9 February 2017

Labh Se Mat Kaho

#2604

लब से मत कहो आँखों से मत कहो 
दिल की बातों को दिल से कहो 

लबो का क्या भरोसा ये ख़ामोश ही रहे 
आँखों का क्या भरोसा ये मदहोश ही रहे 

वक़्त यूहिं ना बीत जाए
इस ख़ामोश मदहोशी में 
जो भी कहना हैं मेरे दिल से 
अपने दिल से कहो 

आदमी का सफ़र जुड़ जाए जब 
औरत के सफर से अधुरी क़िताबें 
फिर वो पूरी करे जीवन के सफर में 
अलग अलग कहाँनीयों में ना बट जाए 
जो भी कहना हैं मेरे दिल से 
अपने दिल से कहो 

लब से मत कहो आँखों से मत कहो 
दिल की बातों को दिल से कहो 

#ASJ


Dum Apne Andar Bhar Ke

#2604

दम अपने अन्दर भर कर अब एक नई उड़ान भरो 
जग में अपनों से बड़ो का हर हाल सम्मान करो 
छोटो का भी हर पल मान करो 

विपदा घोर छाए मुश्किल चौखट तक आए 
लड़ने का उनसे तुम आव्हान करो 
दम अपने अन्दर भर कर अब नई उड़ान भरो 

सच और झूठ का जब हो सामना 
उस लाचार सच की तुम तलवार बनो 

जाति धर्म देश के अब लद गए ज़माने 
इंसान हो दूसरो के बारे में भी सोचो 
अपना ही नहीं ओरो का भी ध्यान करो 

दम अपने अन्दर  भर कर अब एक नई उड़ान भरो 

Wednesday 8 February 2017

The Silence of Every Night

#2604


The Silence of every night..
Makes me wonder if you are doing alright...
To be with you was a delight...
But everybody said it wasn't right...
Our love died in front of their might...

The moon and stars are shining so bright...
Thought you were my holy knight...
To take me away from my plight...
The sun will shine again with all its light...
My heart knows what is right...
No matter how much we fight...

I will take this flight...
Wish you would alight...
To reach that height...
To hug you so tight...
And get lost in each others sight...

The Silence of every night....

Tuesday 7 February 2017

I Am Walking The Miles

#2604


I Am Walking The Miles...

I am walking the miles... 
On the flowing tides... 
With the changing times...

Crossing the lands of hatred... 
Leaving the baggage behind... 
Keeping the robots off my eyes...

Flying the oceans of war...
Leaving their stories behind...
Keeping the gadgets off my hands...

Loving all and Loving none.. 
Is the answer you would find...
Leaving the I behind...
Keeping ALL locked in my mind...

I am walking the miles...
On the flowing tides...
With the changing times...