Tuesday, 14 February 2017

Reh Reh Ke

#2604




रह रह के रुक रुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहली किरण से आखरी किरण तक 
बस तुम्ही मेरे दिल में समाए 

उठ उठ के झुक झुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहले अँधेरे से आखरी अँधेरे तक 
बस तुम्हे ही हम सीने से लगाए 

मर मर के मिट मिट के अक़्सर तुम याद आए 
आखरी अँधेरे के आखरी अन्धेरे से 
पहली किरण की पहली किरण तक 
बस कभी तो हम भी तुम्हें याद आए 

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