#2604
दम अपने अन्दर भर कर अब एक नई उड़ान भरो 
जग में अपनों से बड़ो का हर हाल सम्मान करो 
छोटो का भी हर पल मान करो 
विपदा घोर छाए मुश्किल चौखट तक आए 
लड़ने का उनसे तुम आव्हान करो 
दम अपने अन्दर भर कर अब नई उड़ान भरो 
सच और झूठ का जब हो सामना 
उस लाचार सच की तुम तलवार बनो 
जाति धर्म देश के अब लद गए ज़माने 
इंसान हो दूसरो के बारे में भी सोचो 
अपना ही नहीं ओरो का भी ध्यान करो 
दम अपने अन्दर  भर कर अब एक नई उड़ान भरो 
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