#2604
लब से मत कहो आँखों से मत कहो
दिल की बातों को दिल से कहो
लबो का क्या भरोसा ये ख़ामोश ही रहे
आँखों का क्या भरोसा ये मदहोश ही रहे
वक़्त यूहिं ना बीत जाए
इस ख़ामोश मदहोशी में
जो भी कहना हैं मेरे दिल से
अपने दिल से कहो
आदमी का सफ़र जुड़ जाए जब
औरत के सफर से अधुरी क़िताबें
फिर वो पूरी करे जीवन के सफर में
अलग अलग कहाँनीयों में ना बट जाए
जो भी कहना हैं मेरे दिल से
अपने दिल से कहो
लब से मत कहो आँखों से मत कहो
दिल की बातों को दिल से कहो
#ASJ
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