Thursday, 9 February 2017

Labh Se Mat Kaho

#2604

लब से मत कहो आँखों से मत कहो 
दिल की बातों को दिल से कहो 

लबो का क्या भरोसा ये ख़ामोश ही रहे 
आँखों का क्या भरोसा ये मदहोश ही रहे 

वक़्त यूहिं ना बीत जाए
इस ख़ामोश मदहोशी में 
जो भी कहना हैं मेरे दिल से 
अपने दिल से कहो 

आदमी का सफ़र जुड़ जाए जब 
औरत के सफर से अधुरी क़िताबें 
फिर वो पूरी करे जीवन के सफर में 
अलग अलग कहाँनीयों में ना बट जाए 
जो भी कहना हैं मेरे दिल से 
अपने दिल से कहो 

लब से मत कहो आँखों से मत कहो 
दिल की बातों को दिल से कहो 

#ASJ


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