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#2604 
ये सपने है इन सपनो में 
हम तुमसे मोहब्बत कर बैठे 
इल्ज़ाम य देना है तो मुझको दो 
उन सपनो को तुम गुमनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 
कुछ लम्हे हैं उन लम्हो में 
हम प्यार तुम्ही से कर बैठे 
खता जो ये की मैंने 
उसका ख़ामोशी से 
इन लम्हो को ये इनाम ना दो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 
कुछ बातें है उन बातों में 
हम दिल ये तुम्ही को दे बैठे 
बातें ही तो हैं जो यादें हैं 
इनको अब बदनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 
इक़रार जन्मों का कर बैठे 
जो सच है तुम वो देखो 
झूठे वादों में पड़ कर 
हमको अब अन्जान ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

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