#2604 
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| ॐ नमः शिवाय | 
जटा पे जिसके चंद्रमा विराजमान है
केश में माँ गंगा का स्थान है 
नाग देवता जिसके गले की शान है
पास में त्रिशूल है हाथ में चिलम है
कैलाश पे बैठा है जो ध्यान में 
नीलकण्ठ महादेव उसका ही तो नाम है
राम का रावण का भी वही तो भगवान है 
धर्म क्या अधर्म क्या हर कर्म का जिसको ज्ञान है 
हर भक्त का किया पूर्ण हर काम है
करे मन से जो तेरी निर्मल साधना 
बिना सोचे समझे दिया तूने उसे वरदान है 
भोलेनाथ भी आपका ही तो नाम हैँ 
सोमनाथ से पशुपतिनाथ तक 
हिमालय से हिंदमहासागर तक 
बसा हर तरफ हर जगह तेरा धाम है 
हर लिंग में तेरी पहचान है 
हर प्राणी में तेरा निशान है 
मैं हूँ जन्म से चित पावन 
जोग लेकर करना तेरा ही गुण गान है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 

