Wednesday, 20 January 2021

Ek Dhun Hoon

 एक धुन हूँ कैसे मैं तुझ को साज़ करूँ

एक लफ्ज़ हूँ कैसे तुझ को अल्फाज़ करूँ


जो कल ना था कैसे उसको आज करूँ

खुद से बता कैसे मैं तुझ को नाराज़ करूँ


एक पत्थर को कैसे अब मैं ताज करूँ

मिट कर कहो कैसे तुझ को आगाज़ करूँ


सबको है खबर कैसे उसको राज़ करूँ

खामोश रहके कैसे तुझ को आवाज़ करूँ


चंद क़लाम से क्या तुझ पे गाज करूँ

हर सुखन ज़माने का तुझको नवाज़ करूँ


अधूरा ही रहा पूरा वो कामकाज करूँ

तेरा ही दिया बयाँ तुझ को अन्दाज़ करूँ


खुद से भी ज्यादा मैं तुझपे नाज़ करूँ

मेरी हर साँस में मैं तुझ को रियाज़ करूँ 


बुरा तो खुद हूँ क्या तुझको वाʼ‌‌ज़ करूँ

क्यूँ दिखावे की अदा तुझको नमाज़ करूँ


रूह में बसे हो क्या तुम से लाज करूँ

सजदे में अपना सर तुझको नियाज़ करूँ


"क़लन्दर"


Sunday, 7 May 2017

Kabhi Hum...

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कभी हम ...

कभी हम एक थे 
चाहे गरीब थे 
मगर करीब थे 

मैं मन्दिर जाता था 
तुम मस्जिद जाते थे 
मैं गीता पढता था 
तुम क़ुरान पढ़ते थे 

कभी लड़ते और झगड़ते थे 
मगर फिर भी साथ रहते थे 
मिलकर रोते और हॅसते थे 

अब हम तुम अलग हो गये 
वो बाँटकर हमे चले गये 
हम एक से दो 
दो से तीन हो गये 
फासले कितने गहरे हो गये 

जब भाई भाई के लहू का 
प्यासा हो गया 
जन्नत का रंग लाल हो गया 
आतंकवाद से तबाह हो गया 
जगत के लिए तो एक नया 
तमाशा हो गया 

जवान इधर भी मर रहे हैं 
जवान उधर भी मर रहे हैं 
नफरत की आग में क्यों 
हम दोनों जल रहे हैं 

क्या यही हमारे नसीब थे ???

कभी हम एक थे 
चाहे गरीब थे 
मगर करीब थे 



Ashwin Joglekar 



















Friday, 21 April 2017

Aaj Phir Se...


आज फिर से 


आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ 

लम्बी हैं बहोत रात 
कुछ पल हमे दे जाओ 

आज फिर से मुझे 
अपने सीने से लगाओ 

मेरी साँसों में अपनी 
कुछ महक छोड़ जाओ 

आज फिर से कोई 
नगमा गुन गुनाओ 

मेरे लफ्ज़ो को अपने 
होठों पे सजाओ 

आज फिर से मेरे 
दिल में समा जाओ 

क्या पता कल तुम 
लौट कर ना आओ 

आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ 



Thursday, 9 March 2017

Aaj Woh Aaye


#2604 

आज वो आये मिलने हमसे एक पल के लिए 
आए थे मिलने हमसे या अपना भूला सामान लेने के लिए 

वादा करके गए है आऐंगे फिर मिलने के लिए 
कब कहाँ कैसे ये सब सवाल छोड़ गए हमारे लिए 

ऐ सबमे मशरूफ मेरे हमदम 
कभी मुझको भी कुछ दम 
अपने संग जीने दे 

होश ना हो सूरज चाँद को भी दिन रात का 
ऐसी मुलाक़ात हमे भी तो दे 

कायनात की भी हो जिसपे मोहर 
ऐसी कोई सुबह शाम हमे भी तो दे 

खिला गए फूल फिर नया उस एक पल 
की मुलाक़ात से 
हम तो मुरझा ही चुके थे कबके इन्तज़ार में 

अरसो बाद ही सही ये मुलाक़ात 
ही काफी हैं जीने के लिए 
आज वो आये मिलने हमसे एक पल के लिए 















Thursday, 2 March 2017

Yeh Sapne Hain

WCNC
#2604 

ये सपने है इन सपनो में 
हम तुमसे मोहब्बत कर बैठे 
इल्ज़ाम य देना है तो मुझको दो 
उन सपनो को तुम गुमनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

कुछ लम्हे हैं उन लम्हो में 
हम प्यार तुम्ही से कर बैठे 
खता जो ये की मैंने 
उसका ख़ामोशी से 
इन लम्हो को ये इनाम ना दो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

कुछ बातें है उन बातों में 
हम दिल ये तुम्ही को दे बैठे 
बातें ही तो हैं जो यादें हैं 
इनको अब बदनाम ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

इक़रार जन्मों का कर बैठे 
जो सच है तुम वो देखो 
झूठे वादों में पड़ कर 
हमको अब अन्जान ना करो 
हम तुमसे मोहब्बत जो कर बैठे 

Wednesday, 22 February 2017

Har Har Mahadev

#2604 

ॐ नमः शिवाय 

जटा पे जिसके चंद्रमा विराजमान है
केश में माँ गंगा का स्थान है 
नाग देवता जिसके गले की शान है
पास में त्रिशूल है हाथ में चिलम है
कैलाश पे बैठा है जो ध्यान में 
नीलकण्ठ महादेव उसका ही तो नाम है

राम का रावण का भी वही तो भगवान है 
धर्म क्या अधर्म क्या हर कर्म का जिसको ज्ञान है 
हर भक्त का किया पूर्ण हर काम है
करे मन से जो तेरी निर्मल साधना 
बिना सोचे समझे दिया तूने उसे वरदान है 
भोलेनाथ भी आपका ही तो नाम हैँ 

सोमनाथ से पशुपतिनाथ तक 
हिमालय से हिंदमहासागर तक 
बसा हर तरफ हर जगह तेरा धाम है 
हर लिंग में तेरी पहचान है 
हर प्राणी में तेरा निशान है 

मैं हूँ जन्म से चित पावन 
जोग लेकर करना तेरा ही गुण गान है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 
हर हर महादेव जपना ही बस मेरा काम है 



Tuesday, 14 February 2017

Reh Reh Ke

#2604




रह रह के रुक रुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहली किरण से आखरी किरण तक 
बस तुम्ही मेरे दिल में समाए 

उठ उठ के झुक झुक के अक़्सर तुम याद आए 
पहले अँधेरे से आखरी अँधेरे तक 
बस तुम्हे ही हम सीने से लगाए 

मर मर के मिट मिट के अक़्सर तुम याद आए 
आखरी अँधेरे के आखरी अन्धेरे से 
पहली किरण की पहली किरण तक 
बस कभी तो हम भी तुम्हें याद आए