Friday, 21 April 2017

Aaj Phir Se...


आज फिर से 


आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ 

लम्बी हैं बहोत रात 
कुछ पल हमे दे जाओ 

आज फिर से मुझे 
अपने सीने से लगाओ 

मेरी साँसों में अपनी 
कुछ महक छोड़ जाओ 

आज फिर से कोई 
नगमा गुन गुनाओ 

मेरे लफ्ज़ो को अपने 
होठों पे सजाओ 

आज फिर से मेरे 
दिल में समा जाओ 

क्या पता कल तुम 
लौट कर ना आओ 

आज फिर से मेरे 
ख्वाबों में चले आओ